Que - इन्द्रधनुष क्यों बनता है व इसका आकर धनुषाकार या अर्धवृत्ताकार ही क्यों होता है ?
Ans - हेल्लो दोस्तों आज हम बात करेंगे इंद्रधनुष के बारे में, दोस्तों आप लोगों ने देखा ही होगा जब भी बारिश होती है तो कभी-कभी सूर्य जिस दिशा में होता है उस दिशा की दूसरी विपरीत दिशा में एक इंद्रधनुष बन जाता है लेकिन क्या कभी आप लोगों ने यह सोचा कि यह इंद्रधनुष क्यों बनता है तो चलिए बात करते हैं आज इसी बारे में कि इंद्रधनुष क्यों बनता है?
जब बारिश के बाद सूर्य आकाश में चमकता है तो सूर्य के प्रकाश की किरणें वर्षा की बूंदों में से होकर गुजरती हैं और ये बूंदें एक छोटे प्रिज्म की भांति व्यवहार करती हैं। जिससे किरणें अपने मार्ग से विचलित होकर सात रंगों में विभाजित (Divide) हो जाती हैं जिससे एक सुंदर वृत्ताकार प्रतिरूप (Image) दिखाई देता है ; जिसे इंद्रधनुष कहते हैं । इसकी वृत्ताकार आकृति एक सिद्धांत(Principal) के कारण होती है। यदि भारी बारिश हुई तो यह आकाश पर पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक फैला हुआ दिखाई देता है। इस रोचक घटना के कारणों में भौतिक विज्ञान के दो नियम हैं परावर्तन और अपवर्तन। सूर्य के प्रकाश की किरणें वर्षा की बूंदों से परावर्तित और अपवर्तित होकर इंद्रधनुष का रंगीन पैटर्न बनाती हैं।
क्योंकि भारी वर्षा के दौरान पूर्ण वृत्तीय इन्द्रधनुष बनता है। लेकिन पृथ्वी पर स्थित व्यक्ति को क्षितिज के कारण केवल एक भाग ही दिखाई देता है। जब सूर्य क्षितिज के पास होता है, तो एक ऊंची पहाड़ी पर स्थिति व्यक्ति पूर्ण वृत्तीय इन्द्रधनुष देख सकता है।
जब बारिश के बाद सूर्य आकाश में चमकता है तो सूर्य के प्रकाश की किरणें वर्षा की बूंदों में से होकर गुजरती हैं और ये बूंदें एक छोटे प्रिज्म की भांति व्यवहार करती हैं। जिससे किरणें अपने मार्ग से विचलित होकर सात रंगों में विभाजित (Divide) हो जाती हैं जिससे एक सुंदर वृत्ताकार प्रतिरूप (Image) दिखाई देता है ; जिसे इंद्रधनुष कहते हैं । इसकी वृत्ताकार आकृति एक सिद्धांत(Principal) के कारण होती है। यदि भारी बारिश हुई तो यह आकाश पर पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक फैला हुआ दिखाई देता है। इस रोचक घटना के कारणों में भौतिक विज्ञान के दो नियम हैं परावर्तन और अपवर्तन। सूर्य के प्रकाश की किरणें वर्षा की बूंदों से परावर्तित और अपवर्तित होकर इंद्रधनुष का रंगीन पैटर्न बनाती हैं।
क्योंकि भारी वर्षा के दौरान पूर्ण वृत्तीय इन्द्रधनुष बनता है। लेकिन पृथ्वी पर स्थित व्यक्ति को क्षितिज के कारण केवल एक भाग ही दिखाई देता है। जब सूर्य क्षितिज के पास होता है, तो एक ऊंची पहाड़ी पर स्थिति व्यक्ति पूर्ण वृत्तीय इन्द्रधनुष देख सकता है।
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